आरईसी में सतर्कता
Vigilance at REC
मुख्य सतर्कता अधिकारी और सतर्कता टीम द्वारा किए जाने वाले सतर्कता संबंधी कार्य व्यापक हैं और इसमें संगठन के कार्मिकों द्वारा किए गए या किए जाने की संभावना वाले भ्रष्ट आचरण के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करना; रिपोर्ट किए गए सत्यापन योग्य आरोपों की जांच करना या जांच करवाना; संबंधित अनुशासनात्मक प्राधिकारी के आगे विचार के लिए जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करना; जहां भी आवश्यक हो, मामलों की सलाह के लिए आयोग को भेजना, अनुचित प्रक्रियाओं/कदाचारों को रोकने के लिए कदम उठाना आदि शामिल है।
सतर्कता प्रभाग के कार्यों को मोटे तौर पर दो भागों में विभाजित किया जा सकता है अर्थात निवारक और दंडात्मक। अभी तक सतर्कता कार्य मुख्य रूप से दंडात्मक पक्ष पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। "सतर्कता" शब्द का तात्पर्य मुख्य रूप से निगरानी से है और सतर्कता प्रभाग की भूमिका मुख्यतः निवारक है। हालांकि भ्रष्टाचार और अन्य कदाचारों का पता लगाना और दंडित करना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण निवारक उपाय करना है जिससे सतर्कता मामलों की संख्या में काफी कमी आ सकती है। सतर्कता प्रभाग का कार्य दोषों एवं त्रुटियों की जाँच तक ही सीमित नहीं है बल्कि सतर्कता का सबसे प्रमुख उद्देश्य दोषों को रोकना है। भ्रष्टाचार के प्रमुख कारण प्रशासनिक देरी, शक्तियों के प्रयोग में व्यक्तिगत विवेक की गुंजाइश, बोझिल प्रक्रियाएँ आदि हैं। भ्रष्टाचार से निपटने और नीति और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से, सतर्कता प्रभाग के कार्यों को निम्नलिखित क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
• निवारक सतर्कता
• दंडात्मक सतर्कता
• निगरानी और पता लगाना